दिल्ली से चल रही चेन ने यमुनानगर में बढ़ाई मरीजों की संख्या,1 संक्रमित मिला, 25 ने कोरोना को हराया
दुनिया में अब तक कोरोना को ठीक करने के लिए कोई दवा नहीं बनी। इसके बाद भी यमुनानगर में कमाल की स्थिति है। यहां पर 100 से ज्यादा कोरोना पेशेंट मिल चुके। कुछ ऐसे थे जिसमें सिमटम नहीं थी, लेकिन बहुत से ऐसे हैं जिनमें सिमटम भी थे। इसके बाद भी वे बिना कोरोना की दवा से ठीक हो गए। वीरवार को 25 लोग ठीक हुए। इसमेें बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक शामिल हैं। वहीं वीरवार को एक कोरोना संक्रमित मिला है।
जिसके बाद जिले में एक्टिव केस 35 रह गए हैं। कुल 77 लोग ठीक हो चुके। यमुनानगर में दो से चार लोग ही ऐसे हैं जिनकी दूसरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई हो। यहां पर रिकवरी रेट 100 प्रतिशत तक जा चुका है। हालांकि अभी 67 प्रतिशत है।
दिल्ली से लगातार आ रहा संक्रमण| 190 किलोमीटर दूर दिल्ली से कोरोना का संक्रमण यमुनानगर में हालात खराब करता जा रहा है। बुधवार रात काे विष्णु नगर में एक ही परिवार के चार लोग संक्रमित मिले और दो पहले पॉजिटिव आ चुके हैं। इस परिवार का एक व्यक्ति दिल्ली से आया था। इतना ही नहीं, न्यू हमीदा कॉलोनी निवासी व्यक्ति की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। वह भी दिल्ली से आया है। ये मात्र दो केस नहीं हैं कि दिल्ली से आए लोग यहां पर संक्रमित मिल रहे हैं।
सुढैल की लार्क इंजीनियरिंग कंपनी के 5 कर्मचारी भी मानेसर से लौटने पर संक्रमित पाए गए थे। आत्मापुरी कॉलोनी में अपने मायके आई गर्भवती महिला से मायके पक्ष के 8 लोग संक्रमित मिले थे। इस तरह से दिल्ली रोजी-रोटी के लिए गए लोग वहां से लौटते समय कोरोना का संक्रमण लेकर आ रहे हैं। यमुनानगर में शुरू से लेकर अब तक ज्यादातर जो कोरोना संक्रमित मिले हैं, उनका संबंध कहीं न कहीं दिल्ली से रहा है। 80 प्रतिशत पेशेंट की या तो ट्रैवल हिस्ट्री है या फिर वे ट्रैवल हिस्ट्री वाले के संपर्क में आए हैं।
22 जून को दिल्ली से लौटा है बैंक कर्मी| न्यू हमीदा कॉलोनी निवासी इन दिनों अपने मकान में आजाद नगर की गली नंबर नौ में रह रहा है। वह दिल्ली एचडीएफसी बैंक में नौकरी करता है। 22 को दिल्ली से आया था। टेस्ट कराया तो पॉजिटिव आया है। उसके संपर्क में कई लोग आए हैं। उनके भी सैंपल लिए जा रहे हैं।
पहले खुद पॉजिटिव मिला, फिर पत्नी और अब परिवार के चार लोग| विष्णु नगर निवासी व्यक्ति दिल्ली से आया था। 15 जून को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद उसकी पत्नी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वहीं अब उसके पिता, मां, बहन और बहन की बेटी की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस तरह से एक ही परिवार से 6 लोग संक्रमित मिले हैं।
पहले 48 से 72 घंटे में दोबारा सैंपल लिए जा रहे थे, अब 8 से 10 दिन लग रहे| जो पॉजिटिव आता है, उसे अस्पताल में एडमिट किया जाता है। शुरुआत में पॉजिटिव आए पेशेंट का 48 से 72 घंटे में दोबारा सैंपल जांच के लिए भेज दिया जाता था। लेकिन अब धीरे-धीरे इसे आठ से दिन तक कर दिया गया है। इसके पीछे सोच है कि कई बार दो से तीन दिन में दोबारा टेस्ट कराने पर वह पॉजिटिव आ जाता था। वहीं दूसरा कई दिन बाद दोबारा टेस्ट कराने से यह चांस कम जाते हैं।
वहीं पहले रिपीट सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद पेशेंट को 14 दिन तक अस्पताल में रखा जाता था, लेकिन अब तुरंत छुट्टी कर दी जाती है। इससे दोबारा संक्रमण फैलने का खतरा बिल्कुल खत्म हो जाता है।
हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन सभी पेशेंट को नहीं दी जाएगी
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की अध्यक्षता में वीसी हुई। सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया ने बताया कि कोविड-19 में मरीजों के उपचार के लिए कुछ नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। कोरोना में हल्के और मध्यम उपचार के तहत कोरोना के सक्रिय मरीजों को विटामिन-सी, हाईड्रोक्सी क्लोरोक्वीन, पैरासीटामोल, एजीथ्रोमाइसिन के साथ-साथ अधिक प्रोटीेन वाला भोजन प्रदान किया जा रहा है।
नसों की बीमारी से पीड़ित, पेट और मानसिक रोगिरयों, ग्लूकोज-6 फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज (जी-6पीडी) की कमी वाले मरीजों को हाईड्रोक्सी क्लोरोक्वीन नहीं दी जाए। यदि किसी व्यक्ति को हृदय रोग हो तो ऐसे मरीज को केवल डॉक्टर की निगरानी में ही दवा दी जाएगी। इसके साथ ही वेंटिलेटर, प्लाजमा थैरेपी और रेट्रोवायरल ड्रग्स के साथ-साथ अन्य बीमारियों को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए।
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