दुकानदार बाेले : दुकानें बंद करवा चाबियां भी रख लो , जब मर्जी हो बुला लेना
कोरोना महामारी के चलते पिछले पांच महीने से लॉकडाउन और कम समय दुकानें खुलने से परेशान दुकानदारों का गुस्सा अब फूटने लगा है। प्रदेश सरकार की ओर से पहले वीकेंड में शनिवार और रविवार को लॉकडाउन के आदेश दिए तो शुक्रवार को अपने आदेश में बदलाव करते हुए शहर के बाजार को शनिवार व रविवार की जगह सोमवार और मंगलवार को बंद रखने को कहा।
जिसे लेकर सोशल मीडिया पर दुकानदारों का गुस्सा फुट पड़ा। इसमें दुकानदारों ने प्रदेश सरकार को घेरते हुए तरह-तरह के व्यंग्य किए व अपनी प्रतिक्रियाएं दी। इतना ही नहीं कुछ दुकानदारों ने तो इस आदेश को न मानने व एक जुट होकर सड़कों पर उतरने तक की सलाह दे दी। मंदी के कारण दुकानदार काफी नाराज दिखे।
पिछले पांच महीनों से संकट में दुकानदार
कोरोना के चलते मार्च के तीसरे पखवाड़े में लॉकडाउन लगा दिया गया था, जिससे जरूरी चीजों को छोड़कर बाकी दुकानें बंद रही। 100 से भी ज्यादा दिनों तक काम बंद रहे। इसके बाद अनलॉक हुआ तो समय तय कर दिया गया। पहले 9 से 5 बजे तक रहा, फिर 7 बजे तक कर दिया गया। अब फिर से कोरोना केस बढ़ने लगे तो पिछले सप्ताह दो दिन शनिवार व रविवार को लॉकडाउन घोषित कर दिया गया। शुक्रवार को और नए आदेश आ गए। लंबे समय से दुकानें बंद रहने व काम काज ठप होने से परेशान दुकानदारों को जब सोमवार व मंगलवार को दुकानें बंद रखने के आदेश की जानकारी मिली तो लोगों ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर किया।
दुकानदारों ने कुछ ऐसी दी प्रतिक्रियाएं
- सौरभ टूटेजा ने लिखा कि सरकार से विनती है कि शाम को दुकानें बंद करवाकर चाबियां भी ले लिया करे, जब सरकार की मर्जी हो बुला लिया करे।
- उमेश चोपड़ा ने लिखा रोज-रोज दिन बदलने से तो 14 दिन का प्रॉपर लॉकडाउन कर देना चाहिए।
- गौतम चौधरी ने लिखा कोरोना ने अपना मूड बदला। अब सोमवार व मंगलवार का बाहर निकलेगा।
- विनोद अरोड़ा ने लिखा कि ये सरकार बाजारों को बंद करने पर तुली हैं। पहले मंडी बंद करने का फरमान। अब बाजार। ठेका बंद नहीं कर सकती एक दिन।
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