धान्सू गाेशाला में चारा होने के बाद भी कमजोर बैलों को सड़क पर छोड़ा
धान्सू गांव स्थित राधा कृष्ण गाेशाला में दुधारू गायों को रखकर 70 से अधिक कमजोर बैलों को गाेशाला से निकालने का मामला सामने आया है। आसपास के गांवों से ग्रामीणों के चंदे से गोवंश के लिए चारे की व्यवस्था की जाती है। एक पक्ष के ग्रामीणों ने गाेशाला संचालक पर आरोप लगाया है कि गाेशाला में गोवंश के रखरखाव की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि गोशाला में चारे और पानी की कोई कमी नहीं है।
आरोप है कि गाेशाला से 70 से अधिक कमजोर गाेशाला में गाेसेवक बून ने कहा कि पिछले दिनों आई बरसात की वजह से गाेशाला के खुले मैदान में कीचड़ हो गया और चारे की भी कमी चल रही है। जिससे कमेटी ने सोचा कि खुले में हरा घास खा लेंगे यहां खड़े रहने की व्यवस्था नहीं है।
धान्सू के सरपंच ने कहा- मामले की जांच पड़ताल की जाएगी
गाेशाला के संचालक विजय नाथ महाराज ने कहा कि इस बारे में ग्रामीणों और गांव के सरपंच से बात करो। काफी दिन पहले गाेशाला को छोड़ दिया था। धान्सू गांव के सरपंच मनोहर लाल भाकर ने कहा की मामला मेरे संज्ञान में आ चुका है। मुझे जानकारी मिली थी कि कुछ गोवंशों को गाेशाला के बाहर सड़क मार्ग पर बैठा देखा गया है। मामले की जांच पड़ताल की जाएगी। सामाजिक कार्यकर्ता कुलदीप खिलेरी ने कहा कि पिछले कई दिनों से गोशाला से कमजाेर बैलों को सड़क मार्ग पर खुला छोड़ दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि गाेशाला से निकाले गए बैल गांव में, खेतों में, रेलवे लाइन पर देखे गए हैं। गाेशाला में गाेसेवक बून ने कहा कि पिछले दिनों आई बरसात की वजह से गाेशाला के खुले मैदान में कीचड़ हो गया और चारे की भी कमी चल रही है। जिससे कमेटी ने सोचा कि खुले में हरा घास खा लेंगे यहां खड़े रहने की व्यवस्था नहीं है।
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